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आयशा के लिए (चौदह)/ असद ज़ैदी
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ख़बर पहले से न थी कि आयशा आयेगी
ख़बर तो उसको भी न थी कि उसे मैं वहाँ मिलूँगा
शायद किसी ने कल्पना भी न की थी कि हम वहाँ होंगे
अब सोचने पर लगता है
जैसे सब कुछ तय था हम सब को पता था
पहले से एक-एक बात का