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इंतज़ार / शैलप्रिया

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नीलाकाश के
कोने का मेघ
बालकनी में खड़ी
लड़की की तरह उदास है

गर्म हवा
बादलों को तैराती है
पंख भरती तितलियाँ
नीचे उतरती हैं

ऐसे में
परिक्रमा करती पृथ्वी का
चेहरा टेढ़ा हो गया है
प्रतीक्षित हूँ
इस मापदंड को मापने
के लिए
शायद
मेरा पुनर्जन्म हो