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इसी कतार में / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
की जा रही है हत्या
मेरे सामने
मेरे जीवन की
मैं देख-पहचान रहा हूं हत्यारों को
एक-एक नाम
पढ सकता हूं
पकड़-पकड़ा सकता हूं एक-एक को
बचा सकता हूं जीवन का जीवन
पर नहीं करता कुछ भी
बैठा हूं चुपचाप
क्योंकि मैं भी तो खड़ा हूं
इसी कतार में