भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उठेला करेजवा में पीर / भोलानाथ गहमरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उठेला करेजवा में पीर बारी धनियां
उठेला...

तोहरे कारन गोरी घर बार छोड़लीं
छोडलीं नगरिया के लोग
ओही कलकतवा के छोड़लीं नोकरिया
माटी भइलें सोना के सारी बारी धनियां।
उठेला...

सोनवां के पिजरा सबुज रंग सुगना
बोलेला पिरितिया के बैन
नित गोहरावे तोरे नान्हें के नइयां
टपके नयनवां से नीर बारी धनियां।
उठेला...

कंचन काया मोरा हो गइलें पराया
जियरा भइल बदनाम
चढ़ती उमिरिया में भभुति रामवलीं
तोरा पीछे हो गइलीं फ़क़ीर बारी धनियां
उठेला...