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ऎसा सोचना ठीक नहीं / नवीन सागर

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शेर चीता नहीं
मनुष्‍य एक हिंसक प्राणी है
हिंसा का बहाना चाहिए अहिंसा को
ईश्‍वर का बहाना
सबसे ज्‍यादा खून बहाने वाला है
सबसे ज्‍यादा पवित्र बहाना
इसे नकारने का मानुष बहुत कम है
ईश्‍वर ने भी नहीं नकारा कभी
इतनी हिंसा का बोझ उस पर है
कि वह अपना न्‍याय करेगा कैसे!

या मान लेगा
कि मनुष्‍य उसके हाथ से निकल गया है!
और उसका हाथ भी ले गया है
जो हिंसा के पक्ष में हमेशा उठा रहता है!

ईश्‍वर के बारे में ऐसा सोचना ठीक नहीं
पर ईश्‍वर का कोई काम तो ठीक-ठाक होता!