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ओ टैम / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
ओ भी कोई टैम है?
सब्द उतरणै स्यूं करण लाग्या है मना
अर आत्मा सूख‘र
समंदर स्यूं बणगी है बूंद
देश सोग्यौ है
देखतो-देखतो टेलिविजन
कुण पढ़सी कविता?
ओ भी कोई टैम है कविता पढ़णै रौ?