भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

औरतें: तीन / तुलसी रमण

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नहलाये बच्चे
फूलों के दोने
अपनी गोद से
            छोड़ देती हैं
फ़र्श पर देवदार की गंध में
खिल-खिलाहट के बीच
तैरने के लिए

देवदार की गंध और
बच्चों की खिल-खिलाहट में
घुल जाती हैं औरतें
                         
                            जुलाई 1998