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कब से गए परदेस / रोहित रूसिया

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कब से गए परदेस
सजनवा
ना कोई चिठिया
ना कोई पाती
आया ना कुछ सन्देस
सजनवा
कब से गए परदेस

देस बेगाना
लोग अजाने
कैसे हों
किस हाल में जाने
छोड़ के अपना देस
सजनवा
कबसे गए परदेस

रातें बैरन
हो गई अपनी
सखियाँ कहें सब
अपनी-अपनी
मन को लगे है ठेस
सजनवा
कबसे गए परदेस

चंदा सूरज
राह तके हैं
देहरी दीपक
थके-थके हैं
आएँ पिया किस भेस
सजनवा
कबसे गए परदेस