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कविता / सरोज कुमार
Kavita Kosh से
कविता नहीं है मेरी विवशता
हवा और पानी की तरह
कविता नहीं है मेरा धर्म
बहाई या इस्लाम की तरह!
कविता नहीं है मेरी रोटी
तनखा या घुस की तरह!
कविता नहीं है मेरा शौक
टेनिस या शराब की तरह!
कविता नहीं मेरी दोस्त
बानी या बलबीर की तरह
कविता है मेरी कोशिश
पहाड़ों पर चढ़ाई की तरह!
कविता मेरा सपना,
पेड़ पर फूलों की तरह!
कविता है मेरी सुविधा,
कुएँ की रस्सी कि तरह!
कविता मेरी रचना,
बया के घोंसले की तरह!
कविता है मेरी दुश्मन,
कमरे के दर्पण की तरह!