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कागा आया है / संजीव वर्मा ‘सलिल’
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कागा आया है
जयकार करो,
जीवन के हर दिन
सौ बार मरो...
राजहंस को
बगुले सिखा रहे
मानसरोवर तज
पोखर उतरो...
सेवा पर
मेवा को वरीयता
नित उपदेशों
मत आचरण करो...
तुलसी त्यागो
कैक्टस अपनाओ
बोनसाई बन
अपनी जड़ कुतरो...
स्वार्थ पूर्ति हित
कहो गधे को बाप
निज थूका चाटो
नेता चतुरों...
कंकर में शंकर
हमने देखा
शंकर को कंकर
कर दो ससुरों...
मात-पिता माँगे
प्रभु से लड़के
भूल फ़र्ज़, हक
लड़के लो पुत्रों...