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काम हमारा / महेन्द्र भटनागर

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भारत की आशा हैं हम, बलवान,
साहसी, वीर बनेंगे,
इसकी सीमा-रक्षा को हँस-
हँस, सैनिक रणधीर बनेंगे!
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हमको आगे बढ़ते जाना,
हर पर्वत पर चढ़ते जाना,
भूल न पीछे पैर हटाना,
इतना केवल काम हमारा !
कितना सुन्दर, कितना प्यारा !
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भारत के दिल की धड़कन हम
  थक कर बैठ नहीं जाएंगे,
भूख-ग़रीबी का युग जब-तक
है, चैन न किंचित पाएंगे!
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घर-घर में जा दीप जलाना,
रोते हैं जो उन्हें हँसाना,
आज़ादी के गाने गाना,
इतना केवल काम हमारा !
कितना सुन्दर, कितना प्यारा !