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कारवाँ / बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा ‘बिन्दु’
Kavita Kosh से
चल पड़े हैं कारवाँ लेकर
तुम भी मेरा साथ दो।
हम कभी नहीं रुकने पाएं
हाथों में बस हाथ दो।।
नहीं चलेगी अब गुंडागर्दी
उसको पहले मात दो।
घुसखोरी को बंद कराओ
हाथों में बस हाथ दो।।
जो बिगड़े हैं ऊपर वाले
उसको पहले लात दो।
उसको घूंसे खूब लगाओ
हाथों में बस हाथ दो।।
खूब तिजोरी भरते हैं जो
उसके पंजे काट दो।
सजा देकर जेल में डालो
हाथों में बस हाथ दो।।
रोब जमाने मत देना तुम
मथनी जैसा घाट दो।
जो भी तुमको आँख दिखाये
हाथों में बस हाथ दो।।
दफ्तर हो या कोट कचहरी
उसको पहले नाथ दो।
नस – नस में बस डर हो जाये
हाथों में बस हाथ दो।।
नहीं चलेगी अब मनमानी
शासन – सत्ता साथ दो ।
हम सब तेरे साथ हैं भाई
हाथों में बस हाथ दो।।