भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुत्ता / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
कुत्ता आया कुत्ता आया
भों-भों करता कुत्ता आया।
मेरे घर का रखवाला है
हम बच्चों के मन को भाया।
घर से बाहर घूमने जाऊँ
बना रहे यह मेरा साया।