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क्यों रोती हो मारिया / कर्णसिंह चौहान

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कौंन से दुख में
रोती हो मारिया

सब कुछ तो है तुम्हारे पास
म्लादोस्त में यह बड़ा मकान
इवान सा संवेदनशील पति
एलेना सी प्यारी बच्ची
और चार चित्रकार दोस्त
फिर क्यों रोती हो मारिया?

अभिव्यक्ति का
कैसा साधन है तुम्हारे पास
उस चित्र में
सजा वह पहाड़
काले सागर का किनारा
गुलाब की घाटी में
गाती लड़की
फिर क्या है वह अनकहा
जिसे आंसुओं में पिरोती हो मारिया?

मुझे देखो
हंसने को
कुछ भी नहीं मेरे पास
ढोने को
एक उदास देश
चूल्हे के धुंए में
आंखें गलाती मां
झोले में
बरसों की निराशा
ढोते मित्र
क्या-क्या गिनाऊं
तुम क्यों रोती हो मारिया?