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ख़बसूरत बहाना / लालित्य ललित

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उदासी, उबासी
वही लोग लेते हैं
जिन्हें क, ख का कायदा याद नहीं
और जिन्हें
थोड़ा बहुत पता भी है
वे लेते हैं
नींद और कभी-कभी खर्राटे
इनकी दुनिया भी बड़ी विशाल है
कुछ लोग चर्चित होते हैं
लोग उनके हस्ताक्षर को भागते हैं
ऐसी अधूरी आबादी है
अभी-भी
जिन्हें दस्तख़त करना नहीं आता
मेकअप पोंतना
किस्से गढ़ना
मेरी-तेरी करना
सबको पता है
ज़रा बाहर कपड़े सुखा दो
सामान ले आओ
आटा पिसवा लाओ
तो
कान पे जूं न रेंगेगी
हवाई क़िले बनवा लो
ओबामा किससे मिला था
क्लिंटन ने क्या किया था
अटल बिहारी वाजपेयी का
लहज़ा बुलवा लो
उनमें सब आगे हैं
रेजीडेंट्स वेल्फेयर के लिए
चंदा
पार्क में लोग पेशाब न करें
खंभों में यूज़ ब्लब के -
लिए
चिट्ठी लिखनी हो तब
- यार, ये काम नहीं होता
जब सर्विस में थे
तो डिक्टेशन दे दिया करते थे
अब यार
लिखने की आदत नहीं रही
किसी और को
लीडर बना दो
यानी पल्ला झाड़ने में
सबसे आगे
उदासी उबासी वही लोग लेते हैं
जिन्हें क का क़ायदा नहीं आता
और जिन्हें आता भी है
वे रिटायर हो चुके हैं
मन से तन से और अपने -
आप से कोई क्या कीजिएगा
किसी विभाग में
किसी बाबू का खोपड़ा
खुजलाना हो
ब्लड-प्रेशर बढ़ाना हो
बैंक में हंगामा करवाना हो
तो दो-चार सीनियर सिटिजन हैं
भिजवा दो
ड्रामा खुद-ब-खुद
शुरू हो जाएगा
घर में तो कोई सुनता नहीं
चलो बाहर ही सही
धन्य हैं हमारे
आदरणीय सीनियर सिटिजन