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ख़ूबसूरत तुम / रमेश कौशिक
Kavita Kosh से
मैं आऊँगा तो सही
पर अभी नहीं
क्योंकि अभी तो
मैं बातों में कच्चा हूँ
यानी सच्चा हूँ
तुमसे बात करने के लिए
झूठ की ज़रूरत है
झूठ खूबसूरत होता है
और तुम भी खूब-सूरत हो