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खास आदमी / अरविन्द पासवान
Kavita Kosh से
उनके काटने से
कुत्ते हो गए हैं पागल
कुत्ते हैं हैरत में
कि अब वे भौंकते हैं
खास आदमी की आवाज़ में
चकित है बाज
उनके चकमे से
डर गए हैं साँप
कि उनके डँसने से
मर गए हैं साँप
बेचैन हैं बिच्छू
उनके डंक से
कि उनके शिकार से
शेर भी खा गए हैं शिकस्त
चीते हैं चित
बाघ भी दुबके पड़ें हैं
सबके-सब
दहशत में जी रहे हैं
किसी ने पूछा --
कौन है वह खास आदमी ?
जिसके आतंक से
पशु-पक्षी सहित
अन्य प्राणी हैं परेशान
खो रहे अपना अस्तित्व और मान
उत्तर मिला--
राजतंत्र की छाती पर बैठा हुआ
वह मुकुट पहनकर ऐंठा हुआ