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खिलगी अधखिली / कन्हैया लाल सेठिया

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छोड़‘र
फूल रो आळो
उडगी
सौरम री चिड़कली
देख‘र
ठिठकगी
बिगसती
कनली कळी
हुई भळी
पूगगी तितली
देख‘र भायली नै
खिलगी अधखिली !