भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खिलौने / रामधारी सिंह "दिनकर"
Kavita Kosh से
दस के हों कि पचास साल के,
सभी खेलते ही तो हैं,
हाँ, वय के अनुसार चाहिए
उन्हें खिलौने अलग-अलग।