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गणतंत्र के सन्देश / जनार्दन कालीचरण

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बारह मार्च को बारह बजने पर
यूनियन जैक का अभिमान चूर कर
चौरंगा झंडा ऊपर फहरा कर
प्रगति का मधुर मंत्र गा-गाकर
तपते सूरज के खटोले से उतर
आई थी स्वतंत्रता इस धरती पर ।।
दो लम्बे बारह साल गुज़रने पर
एक अभिसारी के जैसे सज-धज कर
खड़ा था देश हमारा सिर उठा कर
साल उन्नीस सौ बानबे था सुन्दर
बारह मार्च को मेघ-रथ से उतर
आया गणतंत्र गाते गीत मनोहर ।।
सुनो देश के वासी सन्देश मिलकर
सब के रग में है रक्त लाल बराबर
मज़हब रहे अर्चना घर के अंदर
अधिकृत-अधिकारी में हो समादर
हर दाने पर हो सब का हक बराबर
काम करो राष्ट्र के हित मिल-जुलकर ।।