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गलीचा / उंगारेत्ती
Kavita Kosh से
अगर देख सको तो देखो
हर रंग
लेता है अंगड़ाई
फिर अपने अंक में लेता है
दूसरे रंग को
और अकेला होने के लिए ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : नन्दकिशोर आचार्य