भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गोरी पुरइन के पात / रमेश कौशिक
Kavita Kosh से
गोरी पुरइन के पात
जैसे किसी दुल्हिन के मेंहदी लगे हाथ
हाथों पर अंकित है
छोटी-बड़ी रेखाएँ
ये हैं विधि लेखाएँ
बच्चे होंगे
इनके छः-सात
गोरी पुरइन के पात