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गौरी रहथु कुमारी / मैथिली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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हएत नहि ई वियाह हे,
गौरी रहथु कुमारी?
बर बूड़ल बौराह हे,
धिया शुचि सुकुमारी
चामक सेज, कुगामक बासी
खन कैलाश, खनेखन काशी
लागथि बुत्त भुताह हे,
गौरी रहथु कुमारी
मुँण्डक माल, ब्याल तन मंडित
हस्त कपाल, मसानक पंडित
अनुखन बिक्खक चाह हे,
गौरी रहथु कुमारी
यध्यपि भाल सुधाकर, सुरसरि-
बहथि बेहाल चरण धरि झरि-झरि
तध्यपि धहधह धाह हे,
गौरी रहथु कुमारी
कोठी कोठी भाङ भकोसथि
कामरि-कामरि पानि घटोसथि
आनक की निरबाह हे,
गौरी रहथु कुमारी
भागलि, सखिगण सुनू कामेश्वर,
गिरिजा छथि रूसलि कोबर घर
जुनि बनु एहेन बताह हे,
गौरी रहथु कुमारी
सासुर धरि शिव भाभट समटू
परिछए दियऽ सुनू हे बङटू
बनलहुँ वर उमताह हे,
गौरी रहथु कुमारी