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घास-फूस धैर्य का / अज्ञेय

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दृश्यों के अंतराल में
          जीवन बिला गया
संशय के दंश से
          साहस तिलमिला गया
     प्यार पर हारा नहीं
     अमल विनय से
     घास-फूल धैर्य का
          चुपके खिला गया!

इलाहाबाद, 23 फरवरी, 1950