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घुंघरू / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
एकान्त में
बहुत ही करीब होते हैं
मेरे तुम्हारे संबंध
और जब उठती हूँ मैं
घुंघरुओं से कहीं ज्यादा
और रात भर
थरथराते हैं
मेरे स्वपन।