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चमकदार आईना / बेई दाओ
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शराब में जब आधी रात बजती है
सत्य की ज्वालाएं बौरा जाती हैं
पीछे मुड़कर देखने को एक जगह चाहिए
जिसके पास कोई घर नहीं
इतनी ऊंचाई पर क्यों लटकती हैं खिड़कियां
तुम मृत्यु से थक चुके हो
सड़क जीवन से थक चुकी है
लपटों-से लाल उन समयों में
कोई दिन-भर आराम करता है और रात में सफ़र
एक देश के साथ शतरंज खेलता हुआ
लेकिन इतना ही नहीं है
लोग तुम्हारी नींद की खुदाई करते हैं
नीले पड़ जाते हैं
सुबह तुमसे थक चुकी है
चमकीला आईना भी अब शब्दों से थक चुका
प्रेम के बारे में सोचो
तुम ख़ुद को किसी नायक में बदला हुआ पाओगे
जहां स्वर्ग कांप उठता है धरती थर्रा जाती है
तुम ख़ुद से ही कहते हो
बहुत ठंड है
अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी