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चांद / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
पुण्य रौ चाँद
बधतौ - बधतौ
पून्यूं तांईं
बडौ होयर
चमकै आभै में
अर
पाप रौ चाँद
घटतौ-घटतो
अेक दिन
करद्यै अंधारौ।