भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छेकड़ कैवणो ई पड़ियो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
ओळभा देवती आई आंधी
आछै-आछां रा
माजना भांडिया
जडां समेत उखाड़
चित नाख्या
आ देख
रहीज्यो कोनी
दूब सूं
छेकड़ कैवणो ई पड़ियो-
कांई करै तो कर लै खांगी
हे देख, आ ऊभी म्हैं ।