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छोड़ा हुआ घर / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
डस घर को लोगों ने छोड़ दिया
लेकिन धूप ने नहीं छोड़ा
छाया आती रही
चाँदनी छाती रही
गिलहरी दौड़ लगाती रही
और एक दिन उस घर में फिर से लोगों को आना पड़ा।