भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जल गगन मगन / गगन गिल
Kavita Kosh से
जल गगन मगन
दुख नगन नगन
आँख जलन जलन
नींद चलन चलन
तारे भगन भगन
सपने अगन अगन
विष जलन जलन
पीर चलन चलन
पांव थकन थकन
प्यास जगन बुझन
हिचकी भरन भरन
माया हिरन हिरन