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जस / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
रसे-रसे
सिहकैत अछि बसात
नचैत पात सभक डोलब पर
ताल दैत अछि
चिड़ै-चुनमुनी
शुरू होमऽ लगैत अछि आर्केस्ट्रा।
वनिताक
नमहर-नमहर केश
खेलाइत छैक ओकर चेहरासँ
चेहरा-
एकरा लऽ कऽ
कतेक मचल छैक घमासान
एकर गली-कुच्चीमे
बिनु प्रचार केने
ई पाबि गेली जस।