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ज़रा देखो / अंजना वर्मा
Kavita Kosh से
ज़रा देखो
कि कहाँ है हवा?
कहाँ है पानी?
कहाँ है स्त्री?
जहाँ भी है ये तीन चीजें
वहाँ ज़िन्दगी है