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जिन्दगाणी‘र मौत / लक्ष्मीनारायण रंगा

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दियासळाई
जगी
बुझगी,
पलकां
उठी-झपकगी,
हथेळ्यां
मिली-
जुदा हुगी,

बरफ री किरचां
उछळी-
घुळ‘र पाणी हुगी,
दो पंछी
उड्या
अळगा हुग्या,
परछांई
बणी
मिटगी
तार
टकराया
दूर हुग्या,
बाळू री लकीर
बणी, ढैयगी,
ओस री बून्द
बरसी-
सूखगी,
पगां रा निसाण
मंड्या
मिटग्या
पसीनो आयो
किन्नी,
उड़ी, कटगी
चिणगारी
चमकी-बुझगी