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जीवन / शहंशाह आलम

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पुत्र ने मरे हुए पिता के लिए रखी गई
शोकसभा भंग कराई
पुत्र का कथन था:
मरे हुओं का शोक कैसा
शोक तो
हम जीवितों के जीवन में है अब।