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जीवन के अंत में / असद ज़ैदी
Kavita Kosh से
जीवन के अन्त में अचानक दिखाई देंगी
हमें अपनी कुछ कारगुज़ारियाँ
अरे हमें ख़ुद कभी पता नहीं चला पाया कि हम
एक बेहतर दुनिया के लिए जिए थे