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जीवन क्या है / वैभव भारतीय
Kavita Kosh से
जीवन क्या है
प्रश्न विकट है
ये मृत्यु के परम निकट है।
कोई मदमाता-सा पक्षी
अंधड़ तूफ़ानों में घिरकर
पत्थर जैसी बारिश सहकर
भूखा रहकर, प्यासा रहकर
चक्रवात से चोंच लड़ाए
प्रलय-काल को धता बताये
तब यह शब्द अर्थ लेता है
जीवन परिभाषित होता है।
कोई नौसिखिया बचपन में
मठाधीश पंडों के आगे
प्रेम दया मानवता ख़ातिर
दुनिया के सारे तर्कों को
दुनिया की सारी गणना को
पल भर में बकवास बताये
तब यह शब्द अर्थ लाता है
जीवन फिर जीवन पाता है।