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ज्वालामुखी / बेल्ला अख़्मअदूलिना / वरयाम सिंह

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चुप बैठे हैं ज्वालामुखी,
राख गिर रही है उनके गह्वर में ।
आराम फ़रमा रहे हैं दैत्य
कुकर्म कर लेने के बाद ।

उल्लासहीन पड़ गई हैं उनकी सम्पत्तियाँ
और अधिक भारी लग रही हैं वे उनके कन्धों को
बार- बार प्रेतात्माएँ
प्रकट होती हैं उनकी रेतों में

सपनों में उन्हें दिखते है वह अभिशप्त नगर
ज्ञात नहीं जिसे अपनी ही नियति
दिखाई देते हैं स्तम्भ और उद्यान
लावे से घिर आते हुए।

वहाँ लड़कियाँ हा्थों में लेती हैं फूल
जो खिलकर कब के मुरझा चुके हैं
वहाँ संकेत देते हैं सुरा के प्रेमी
सुरापान कर रहे पुरुषों को।

आरम्भ हो जाता है सुरापान का दौर
अश्लील हो जाती है भाषा
गरमी आ जाती है वातावरण में और विवेकहीनता भी
ओ राजकुमारी, ओ दासकन्या, ओ मेरी बिटिया पम्पेई!

अपनी सुखद नियति की क़ैद में
किसके विषय में सोच रही थी तू
जब इतने साहस के साथ झुक आई थी तू
वीसूवियस पर अपनी कुहनियों के बल?

खो गई थी तू उसकी कहानियों में
फैला दी थी तूने अपनी पुतलियाँ
सहन न हो सकी तुझसे
असंयत प्रेम की गड़गड़ाहट।

दिन बीतते ही
अपने बुद्धिमान ललाट के बल
वह गिर पड़ा तेरे मृत पैरों पर
चिल्लाता हुआ : "क्षमा करना मुझे!"

मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह

लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी में पढ़िए
          Белла Ахмадулина
                  Вулканы

Молчат потухшие вулканы,
на дно их падает зола.
Там отдыхают великаны
после содеянного зла.

Все холоднее их владенья,
все тяжелее их плечам,
но те же грешные виденья
являются им по ночам.

Им снится город обреченный,
не знающий своей судьбы,
базальт, в колонны обращенный
и обрамляющий сады.

Там девочки берут в охапки
цветы, что расцвели давно,
там знаки подают вакханки
мужчинам, тянущим вино.

Все разгораясь и глупея,
там пир идет, там речь груба.
О девочка моя, Помпея,
дитя царевны и раба!

В плену судьбы своей везучей
о чем ты думала, о ком,
когда так храбро о Везувий
ты опиралась локотком?

Заслушалась его рассказов,
расширила зрачки свои,
чтобы не вынести раскатов
безудержной его любви.

И он челом своим умнейшим
тогда же, на исходе дня,
припал к ногам твоим умершим
и закричал: «Прости меня!»

1957 г.