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टिंकू एक आलसी बच्चा / शकुंतला कालरा
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टिंकू एक आलसी बच्चा,
कोई काम न उसको भाता।
सदा देखता टी॰ वी॰ रहता,
नहीं सुबह को वह जग पाता।
शोर मचाता जल्दी करता,
मम्मी की कसरत करवाता।
पानी पीता एक साँस में,
बिना चबाए खाना खाता।
शाला जाता भाग-दौड़कर,
कभी किसी से जा टकराता।
स्वंय उठाता अपना बस्ता,
बोतल कोई और थमाता।
करता आलस पढ़ने में भी,
होमवर्क नहीं करके जाता।
बनता मुर्गा कक्षा में वह,
बैठे-बैठे तब पछताता।
घर में कोई काम नहीं है,
खाता, पीता, सोने जाता।
बुद्धू कहकर सभी चिढ़ाते,
बस फिर उसको रोना आता।