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डर / अंजू शर्मा
Kavita Kosh से
पुरुष ने देखा प्रेम से,
और कहा, कितनी सुंदर हो तुम,
शर्मा गयी स्त्री,
पुरुष ने देखा कौतुक से,
और कहा कुछ नहीं,
औरत ने पाया,
उसकी आँखों के लाल डोरों को,
अपने जिस्म पर रेंगते हुए
असंख्य साँपों में बदलते हुए,
इस बार डर गयी स्त्री...