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डर / मनमीत सोनी
Kavita Kosh से
मा चुप हो ज्यावै
जद देखै असर
बातां में म्हारै बाप रो
ओ सनमान है
कै डर है
म्हैं आज ताणी
समझ नीं सक्यो...।