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तलपट / माया मृग
Kavita Kosh से
क्या खोया ?
क्या पाया ?
क्या खोने का डर है,
क्या पाने की चिन्ता है ?
यह तलपट मिलाने का
वक्त नहीं है मित्र,
बस -
आखिरी पृष्ठ पर
हस्ताक्षर करो और चलो
आने वाले, खाते मिलाते रहेंगें,
खोने-पाने का हिसाब
बनाते रहेंगें।