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तुम्हारी कोख में / जयप्रकाश कर्दम

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मां, तुम
अनपढ, गंदी, गंवार
जैसी भी हो मां हो
जैसी मां होती हैं
वात्सल्य से भरी हुई
जैसे मेरे बेटे के लिए
उसकी मोम है
दुनियां की सबसे अच्छी मम्मी
वैसी ही अच्छी हो तुम मेरे लिए
कष्ट के कंटकों से लहुलुहान होते
अभाव की आंच में तपते, झुलसते
बुनती रही हो तुम सदैव
मेरी खुशियों के ताने-बाने
मैं जहां भी होता हूं
भटकती रहती है मेरे आस-पास पागल सी
तुम्हारी ममता
रखना चाहती हो तुम मुझे सदैव
अपनी ममता की छांव में
ताकि तृप्त होती रहें मुझे देखकर
तुम्हारी आंखें, लेकिन
मैं तुम्हें अपने पास नहीं रख पाता
मेरी पत्नी तुमको बर्दाश्त नहीं करती
कारण- एक तो तुम
किसी काम की नहीं
व्यर्थ का बोझ हो
दूसरे तुम अकेली नहीं हो
तुम रहती हो तो
तुम्हारे दूसरे बेटे-बेटियों
उनके बच्चों और रिश्तेदारों का
आना-जाना लगा रहता है
जो मेरी पत्नी को अखरता है
उनको वह कुछ नहीं कहती
अपनी सारी खुन्नस वह मुझको
या तुमको
जली-कटी सुनाकर निकालती है
मेरे बच्चों को भी
तुम पसंद नहीं हो
उनके लिए आउट डेटेड हो
उनमें से कोई भी दो घड़ी
तुम्हारे पास बैठने को राजी नहीं है
बदबू आती है उन्हें
तुम्हारे शरीर और कपड़ों से
शायद वे अभी
इस बात का मर्म नहीं जानते
कि मां का आंचल सदैव
ममता की खुशबू से भरा होता है
मां के शरीर से कभी बदबू नहीं आती
शायद जान भी नहीं पाएंगे वे
इस मर्म को क्योंकि
तुम उनकी मां नहीं मेरी मां हो
मैं समझता हूं
तुम्हारी ममता का मर्म
मुझे छींक भी आ जाए
तुम परेशान हो जाती हो
मेरी छोटी सी परेशानी
तुम्हारी बेचैनी का कारण बन जाती है
मुझे बर्दाश्त नहीं होता
पत्नी का तुम्हें कुछ भी कहना
तुमको अच्छा नहीं लगता
पत्नी के साथ मेरा झगड़ा या
घर में क्लेश का होना
तब, तुम ही बताओं मां
मैं क्या करूं?
तुमको अपने पास कैसे रखूं
मेरी पत्नी तुमको
अपने पास रखने को तैयार है
बशर्ते तुम बीड़ी न पीओ
मैं जानता हूं
तुम बीड़ी पीना छोड़ दोगी
जब, जैसा भी तुम्हे खाने को मिले
चुपचाप खा लो
घर की किसी चीज को हाथ न लगाओ
न किसी मामले में कुछ बोलो
मुझे यकीन है
ऐसा भी कर लोगी तुम, लेकिन
बच्चों के साथ तुम प्यार न जताओ
मुझसे भी ज्यादा बातें न करो
कोई रिश्तेदार तुमसे मिलने न आए
तुम अपने दूध से रिश्ता तोड़ दो
अपनी ममता का गला घोंट दो
शायद ऐसा तुम नहीं कर पाओगी
कर सकी तो जी नहीं पाओगी
आखिर ममता ही तो
तुम्हारी पूंजी, तुम्हारी ताकत
तुम्हारे जीवन का स्रोत है
बिना ममता के कैसे जी सकती है
कोई मां
यह तुम्हारी ममता ही है
बेशक तुम गांव में रहती हो
दूर हूं मैं तुम्हारी आंखों से
तो भी मैं
तुम्हारी आंखों में बसा होता हूं
बात करता हूं जब भी
तुमसे फोन पर
तुम्हारी आवाज बता देती है
तुम्हारे आंचल में दूध उतर आता है
कुलबुलाने लगता हूं मैं
तुम्हारी कोख में।