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तुम्हारे प्यार की ख़ुशबू / किरण मिश्रा
Kavita Kosh से
रात भर बारिश में,
ऐसे भीगा मोगरा
जैसे भीगता है मन मेरा
तुम्हारे प्यार में
और खिल-खिल-सा जाता है ।
मैंने उस मोगरे की
बना ली है वेणी
और टाँक लिया है जूड़े में
इस तरह महकती रहती हूँ
तुम्हारे प्यार की ख़ुशबू में ।