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तुम्हारे होने में / नंदकिशोर आचार्य

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मैं नही रहूँगा
पर रहोगे ही तुम
फिर से अकेले।

मेरे होने में जो
सृष्टि है आनन्द
तुम्हारे होने में
फिर दुःख होगी वह।

(1994)