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थांरी आंगळी / अशोक जोशी 'क्रांत'
Kavita Kosh से
घणौ
अबखौ व्है
सारी उमर
बचपण सूं
बुढ़ापै तक
थांरी आंगळी
पकड़्यां चालणौ
कई बार
मारग पांतर्यौ
डांडी पकड़ी
रिंधरोही में भटक्यौ
छेवट
हुयौ
पगां ऊभौ