दरवाज़ा / मिरास्लाव होलुब / यादवेन्द्र
जाओ और जाकर दरवाज़ा खोल दो....
हो सकता है बाहर
खड़ा कोई दरख़्त, या जंगल भी
या कोई बाग़ भी हो सकता है
हो सकता है कोई जादुई शहर ही खड़ा हो।
जाओ और जाकर दरवाज़ा खोल दो....
हो सकता है कोई कुत्ता धक्के मार रहा हो
कोई चेहरा भी दिखाई दे सकता है तुम्हे
सम्भव हो सिर्फ़ आँख हो
कोई चित्र भी हो सकता है
किसी दूसरे चित्र से अवतरित होता हुआ....
जाओ और जा कर दरवाज़ा खोल दो....
बाहर यदि कोहरा जमा होगा तो
तो इसको छँटने का रास्ता मिल जाएगा।
जाओ और जाकर दरवाज़ा खोल दो....
यदि सिर्फ़ और सिर्फ़
वहाँ अन्धेरा ठहरा हुआ हो, तब भी
सूनी हवा सिर झुकाए खड़ी हो
तब भी
ये सब न हो....कहीं कुछ भी न हो
तब भी
जाओ और जाकर दरवाज़ा खोल दो।
और कुछ न भी हो
कम से कम
हवा का झोंका तो आर पार होगा ही....
अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र