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दर्शक / विष्णुचन्द्र शर्मा
Kavita Kosh से
मुख्य सड़क पर रूकी हैं
पंक्तिबद्ध बसें, कार स्कूटर।
सिर्फ ढलवाँ पटरी पर वह
चंचला
स्केटिंग कर रही है।
मैं केवल दर्शक हूँ
खरा।