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दीमक / सुदर्शन प्रियदर्शिनी
Kavita Kosh से
आशाओं
और अपेक्षाओं
के रथ पर
सवार
रहते हैं हम
नही जानते
किसी ने
पहियों को
दीमक चटा
रखी है