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दीवार / शीन काफ़ निज़ाम
Kavita Kosh से
पेड़ों की नंगी शाख़ों से
डर लगता है
दालानों में
दहलीज़ों पर
दम घुटता है
गिर पड़ने के डर से
नीचे कम झुकता है
पंखा सर पर गिर जाने का नाहक खौफ़ लगा रहता है
मैदानों में आसमान के गिरने का खदशा रहता है
बैठे-बैठे चल पड़ता है
चलते-चलते रुक जाता है
सब से खौफ़ज़दा रहता है
लेकिन
एक फुदकती चिड़िया को अक्सर तकता है
घर-घर में
उस का चर्चा है