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दुःख / विल्हेम इकेलुन्द
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किनारों पर उजाड़ पहाड़ियाँ
उदास रात को कर देती हैं और काला,
धूसर और घटाटोप साँझ से
निकलता है एक कालीन चमकीले रंगों वाला.
एक रूदन, एक मौन सिसकी,
जैसे स्पंदन हो समंदर में -
बहुत थके हुए और लड़खड़ाते हुए है गिरता
वह चुपचाप अपनी कब्र में.
(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)